Bailable Offence
What is 'Bailable Offence ?
An offence which is shown as bailable in the first schedule ,or which is made bailable by any other law for the time being in force is called Bailable offence.
Sec:- 2(a)
जमानतीय अपराध से क्या अभिप्राय है ?
ऐसा अपराध जिसे प्रथम अनुसूची मे जमानतीय दर्शाया गया है और अथवा तत्समय प्रर्वत अन्य विधि के अधीन जमानतीय बनाया गया है । जमानतीय अपराध कहलाता है।
इस सूची के अंतर्गत ऐसे अपराध जो 3 वर्ष से कम अवधि के कारावास या केवल जुर्माने से दंडनीय है, जमानतीय अपराध, माने गए हैं ।
Non Bailable Offence
What is non 'Bailable Offence' ?
An offence which is shown as non bailable offence the first schedule.
अजमानतीय अपराध से अभिप्राय उन अपराधों से हैं जो जमानतीय अपराधों से भिन्न है जिन्हें प्रथम अनुसूची में अजमानतीय है रूप में दर्शाया गया है ।
ऐसे अपराध जो मृत्यु दंड ,आजीवन कारावास या 3 वर्ष और उससे अधिक के कारावास से दंडनीय है अजमानतीय अपराध माने गए हैं ।
Moti Ram vs State of MP
जमानतीय अथवा गैर जमानतीय अपराध का वर्गीकरण इस आधार पर नहीं किया जाएगा कि अभियुक्त को जमानतीय अपराध की दशा में जमानत पर छोड़ दिया जाएगा किंतु अजमानतीय अपराध की दशा में उसे जमानत पर नहीं छोड़ा जाएगा।
इस वाद में उच्चतम न्यायालय ने यह मत प्रकट किया कि जमानत है एक नियम है ,और निरोध उसका अपवाद है किसी व्यक्ति को अपने मन में यह संदेह नहीं रखना चाहिए कि जमानती अपराधों की दशा में जमानत पर छोड़ दिया जाएगा और अजमानतीय अपराध की दशा में जमानत पर नहीं छोड़ा जाएगा ।
जमानती अपराध की दशा में जमानत की मांग साधिकार की जा सकती है किंतु अजमानतीय अपराध की दशा में जमानत की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती । जमानत देना या ना देना न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है।