It Summury Trial [ संक्षिप्त प्रक्रिया ] Order 37 Civil Procedure Code 1908 - CHAMARIA LAW CLASSES

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Sunday, April 17, 2022

Summury Trial [ संक्षिप्त प्रक्रिया ] Order 37 Civil Procedure Code 1908

दीवानी प्रक्रिया संहिता के आदेश 37 में संक्षिप्त प्रक्रिया के प्रावधान दिए गए हैं |

यह प्रक्रिया  परक्राम्य लिखत वचन पत्र (Promissory notes), हुंडी (Hundi),

विनिमय पत्र (Bill Of Exchange), लिखित संविदा अधिनियमिति के अधीन धन वसूली,

ऐसी गारंटी जिसमें केवल ऋण या निर्धारित मांग के बारे में मूलधन के लिए दावा किया जाता है,

के मामलों में अपनाई जाती है |


यह प्रक्रिया निम्नलिखित न्यायालयों को लागू होती है |

उच्च न्यायालय

 नगर सिविल न्यायालय

लघु वाद न्यायालय

 अन्य न्यायालय  जिसे  उच्च न्यायालय राजपत्र में अधिकृत करें |

संक्षिप्त वाद संस्तिथ किए

 Qus :- संक्षिप्त वाद कैसे संस्तिथ किए जाते हैं ?

संक्षिप्त वाद वादपत्र पेश कर संस्तिथ होगा जिसमें निम्न कथन होंगे | 


  1. वाद order 37 के अधीन पेश किया गया है |

  2. ऐसा अनुतोष नहीं मांगा गया जो इस आदेश के विस्तार में नहीं है |

  3.  वाद-शीर्षक में वाद-संख्याक के नीचे लिखा जाएगा - "CPC 1908 Order 37 के अधीन"


तदुपरांत वादी वादपत्र व उसके उपबंधो की प्रति प्रतिवादी को समन के साथ भेजेगा |

और प्रतिवादी समन तामिल के 10 दिन के भीतर स्वयं या प्लीडर के माध्यम से उपस्थित होगा |

प्रतिवादी को प्रतिरक्षा की अनुमति तभी दी जाएगी जब वह शपथ पत्र प्रदर्शित करें कि -

 उसका प्रतिवाद वास्तविक है ;

विचारण योग्य है ;

मिथ्या व तंग करने वाला नहीं है | 


अनुमति ना दे :-


अगर अनुमति ना दे तो वादी के पक्ष में डिक्री पारित होगी |

वाद पत्र में किए गए अभिकथनों के विषय में यह समझा जायेगा कि वह स्वीकार कर लिए गए हैं

और वादी डिक्री का हकदार होगा |

विशेष परिस्थितियों में पूर्व पारित डिक्री पेश करने की अनुमति दी जा सकेगी |


अनुमति दे दी जाए :-


अगर अनुमति दे दी जाए तो प्रतिभूति की मांग की जाएगी|

अगर प्रतिवादी अनुपसंजात रहता है तो वादी तत्काल निर्णय प्राप्त करने का हकदार होगा

जिसे संक्षेप में लिखा जाएगा | [ Order 37 Rule 3 ]



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