DOCTRINE OF PART PERFORMANCE [आँशिक (भागिक) पालन का सिध्दांत ] TRANSFER OF PROPERTY ACT, 1882

Adv. Madhu Bala
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DOCTRINE OF PART PERFORMANCE 

Sec 53 A :- आंशिक (भागिक) पालन का सिद्धांत




जहां कोई व्यक्ति किसी अचल संपत्ति को प्रतिफल सहित अंतरित करने के लिए अपने द्वारा या अपनी ओर से हस्ताक्षरित लेखबध्द संविदा करता है और संविदा में अंतर की शर्तें स्पष्ट हो तथा अंतरिती संविदा के आंशिक पालन में संपत्ति का कब्जा ले लेता है या उसका कब्जा पहले से ही है या संविदा के आंशिक पालन में कब्जा चालू रहता है व संविदा को अग्रसरित करने में कोई कार्य कर चुका है या करने को तैयार है व इस बात के होते हुए भी संविदा पंजीकृत न हो उसका पंजीकरण होना आवश्यक है या अंतरण के वैध रीति से पूर्ण ना करने वाला व्यक्ति के विरुद्ध ऐसे किसी अधिकार को जो संविदा में दिए गए अधिकार भिन्न है, लागू करने से रोक दिया जाता है ।

मेडिसिन बनाम अडमसणस 


के वाद से यह सिद्धांत भारत में आया इस सिद्धांत में यह कहा गया है कि साम्य प्रारूप पर नहीं आशय पर ध्यान देता है इसलिए उच्चतम न्यायालय ने इस सिद्धांत को कई मामलों में अपनाया है ।भारत में संपत्ति अंतरण अधिनियम में 1929 में संशोधन करके इस सिद्धांत को प्रतिस्थापित किया गया ।
अंश पालन के सिद्धांत का अधिकार का प्रयोग केवल ढाल के रूप में किया जाता है ना कि तलवार के रूप में किया जाता है इस नियम को उच्च न्यायालय ने

जोहार मल बनाम करमचंद AIR 1983 Raj.HC


 के वाद में प्रतिस्थापित किया ।

इस अधिकार के लिए निम्नलिखित शर्तें आवश्यक है -


1. अचल संपत्ति का अंतरण सप्रतिफल लिखित एवं हस्ताक्षरित संविदा द्वारा किया गया हो ।

2. अंतरिती ने संविदा के आंशिक पालन में उस संपत्ति का कब्जा ले लिया हो ।

3. यदि वह उस पर पहले से ही काबिज है तो अपना कब्जा चालू रहता है और संविदा को अग्रसर करने के लिए कोई कार्य कर दिया गया हो।

4. अंतरिती ने संविदा के अपने भाग का पालन कर दिया हो या फिर पालन के लिए तैयार हो ।


5. यदि संपत्ति अंतरण की संविदा को विहित रीति से पूरा नहीं किया है तो रजिस्ट्री या अन्य कमियों के आधार पर यदि अंतरणकर्ता ऐसी संविदा को विफल करवाना चाहे तो वह सफल नहीं होगा। तथा अंतरिती को उसके विरुद्ध सरंक्षण प्राप्त होगा ।

अपवाद


1. यदि संविदा में कोई अन्य व्यवस्था हो तो धारा 53A लागू नहीं होगी। जैसे :- अगर अंतरण में यह शर्त लिखित हो कि आंशिक पालन लागू नहीं होगा तो है शर्त लागू हो जाएगी ।
2. प्रतिफल देने वाला पश्चातवर्ती अंतरिती जिसे पूर्व संविदा की सूचना नहीं है पर यह धारा कोई प्रभाव नहीं डालेगी ।
3. इस धारा की कोई बात ऐसे सप्रतिफल अंतरिती के अधिकारों पर प्रभाव नहीं डालेगी जिसे उस सविंदा या भागिक पालन की कोई सूचना नहीं हो ।


रणछोड़ दास V/S जीन जी 1977 SC


अंतरण के करार के तुरंत बाद जमीन का कब्जा प्रतिवादी को दे दिया गया वादी ने रजिस्ट्री करवाने और बकाया राशि देने के लिए प्रतिवादी को कहा जिसे प्रतिवादी ने पूरा नहीं किया । वादी ने संपत्ति का कब्जा वापस लेने का दावा किया उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि प्रतिवादी को धारा 53A का सरंक्षण नहीं मिलेगा क्योंकि उसने संविदा के अपने भाग का पालन नहीं किया है ।


Problem :-


विक्रय के एक मामले में क्रेता ने 1/3 राशि अग्रिम धन के रूप में विक्रेता को दे दी और क्रेता ने उसका कब्जा ले लिया तो क्या बाद में विक्रेता रजिस्ट्री से इंकार कर सकता है ?

Solution :-


विक्रेता रजिस्ट्री से इनकार नहीं कर सकता है ।

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