Mis joinder and Non- joinder of parties ( कुसयोजन और असयोजन ), उचित पक्षकार, विदेशी न्यायालय का निर्णय

Adv. Madhu Bala
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Qus : आवश्यक पक्षकार कौन है ?

Ans : ऐसा पक्ष कार जो वाद को गठित करने के लिए आवश्यक है और जिनका संयोजन मामले के गुण अवगुण और क्षेत्राधिकार पर प्रभाव डालता है जिनकी अनुपस्थिति में प्रभावशाली डिक्री पारित नहीं हो सकती आवश्यक पक्षकार कहलाता है ।

Qus : विदेशी न्यायालय का निर्णय कब निश्चयात्मक नहीं होगा ?

Ans : सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय ने निर्णय नहीं सुनाया हो।
निर्णय भारतीय विधि या अंतरराष्ट्रीय विधि के प्रतिकूल हो।
निर्णय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के प्रतिकूल है।
निर्णय गुण अवगुण पर अधारित नहीं है।
निर्णय कपट से लिया गया है।
निर्णय भारत में प्रवृत विधि के भंग पर आधारित दावे को ठीक  ठहराता है।

Qus : उचित पक्षकार कौन है ?

Ans :जिनकी उपस्थिति बिना वादग्रस्त प्रश्न को पूर्ण और प्रभावशाली रूप से अभी निश्चित नहीं किया जा सकता
अथवा
जिसकी उपस्थिति वाद अपील या कार्यवाही के गठन के लिए आवश्यक तो नहीं है किंतु उसकी उपस्थिति इसके लिए जरूरी है कि विवाद का पूर्णरूपेण और पर्याप्त निपटारा हो जाए  उचित पक्षकार  है ।

Mis joinder and Non- joinder

कुसंयोजन और असंयोजन

जहां ऐसे व्यक्ति को जो बाद में उचित पक्षकार है वाद में संयोजित नहीं किया गया तो मात्र इस आधार पर वाद खारिज नहीं होगा और वाद का निपटारा वहां तक किया जा सकेगा जहां उसके समक्ष अधिकार और हित का संबंध है ।
परंतु इस नियम की कोई बात किसी आवश्यक पक्षकार के असंयोजन को लागू नहीं होगी ।

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