EXECUTION OF DECREE AND ORDER डिक्री और आदेशों का निष्पादन (सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908)

Adv. Madhu Bala
0

 





What do you mean by Execution


प्रश्न:- निष्पादन किसे कहते हैं ?

उत्तर:- न्यायालय की प्रक्रिया द्वारा डिक्री और आदेश प्रवर्तित करवाना निष्पादन कहलाता है ।

अर्थात निष्पादन वह माध्यम है जिसका सहारा लेकर डिक्रीदार डिक्री की शर्तों का निर्णीत ऋणी से पालन करवाता है ।

Example :- न्यायालय 'क' के पक्ष में  ₹ 10000 की डिक्री पारित करता है और यह डिक्री 'ख' के विरुद्ध है । यहां 'क' डिक्रीदार ( Decree holder) हुआ और 'ख' निर्णीत ऋणी (Judgement debtor) और ₹10000 की धनराशि निर्णीत ऋण (Judgment debt) है | यहां अगर 'ख' ₹10000 की धनराशि की अदायगी 'क' को नहीं करता है तो 'क' डिक्री के प्रवर्तन के लिए निष्पादन की कार्यवाही करेगा और ₹10000 की वसूली करेगा। अतः यह पूरी प्रक्रिया (न्यायालय के माध्यम से) जिसका सहारा लेकर 'क' ₹10000 की वसूली 'ख' से करेगा, निष्पादन कहलायेगा ।

निष्पादन के प्रकार :- निष्पादन कार्यवाही निम्नत: दो प्रकार से की जा सकती है -


(1) निर्णीत ऋणी के विरूद्ध व्यक्तिगत कार्यवाही (Execution against the person of the judgement debtor) - 
इस कार्यवाही के अंतर्गत निर्णीत ऋणी को बंदी बनाकर दीवानी जेल में रखा जा सकता है ।

(2) निर्णीत ऋणी की संपत्ति के विरुद्ध कार्यवाही (Execution against the property of the judgement debtor) -
 इस कार्यवाही के अंतर्गत निर्णीत ऋणी की संपत्ति को कुर्क करके बेचा जा सकता है और उससे जो भी विक्रय मूल्य प्राप्त होगा उससे डिक्री के पैसे का भुगतान किया जाएगा ।

Application  For Execution :-

प्रश्न :- डिक्री के निष्पादन का आवेदन किसके द्वारा दिया जाएगा ?

उत्तर :- किसी डिक्री के निष्पादन के लिए आवेदन निम्नलिखित के द्वारा दिया जा सकता है ।
(1) डिक्रीदार द्वारा,
(2) अंतरण की स्थिति में डिक्री के अन्तरिती द्वारा,
(3) डिक्रीदार की मृत्यु पर उसका विधिक प्रतिनिधि द्वारा, तथा
(4) अगर डिक्री एक से अधिक लोगों के पक्ष में संयुक्त रुप से पारित की गई है तो उनमें से कोई एक व्यक्ति के द्वारा दिया जा सकता है ।

प्रश्न :- डिक्री के निष्पादन का आवेदन किसके विरुद्ध किया जा सकता है ?

उत्तर :- निष्पादन का आवेदन निम्नलिखित के विरुद्ध किया जा सकता है -
(1) निर्णीत ऋणी,
(2) सह निर्णीत ऋणी,
(3) यदि निर्णीत ऋणी की मृत्यु हो गई हो तो, ऐसी दशा में उसका वैद्य प्रतिनिधि ।


प्रश्न :- क्या निर्णीत ऋणी का वैध प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से दायी होता है ?

उत्तर :- नही, वैध प्रतिनिधि उस सीमा तक दायी होगा जहां तक उसने मृतक की संपत्ति प्राप्त की है । ( धारा 50(2))


प्रश्न :- डिक्री का निष्पादन किस न्यायालय द्वारा किया जाएगा ?

उत्तर :- डिक्री पारित करने वाला न्यायालय अथवा 
          वह न्यायालय, जिसे डिक्री निष्पादन का आवेदन भेजा गया है ।

Tags

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)
To Top