आदेश 37, नियम 1 के अधीन आवेदन पत्र - एक परक्राम्य लिखत पर आधारित रकम की वसूली के लिए वादपत्र का प्रारूप
[ आदेश 37 नियम 1 सि प्र. सं. के अधीन ]
न्यायालय ………………………………………………………………………..
वाद स............................................................................ सन् ...............................
ग घ ................................................................................................वादी
बनाम
क ख प्रतिवादी
ऊपर नामित किया गया वादी निम्नलिखित रुप से कथन करता है -
यह कि प्रतिवादी ने .......... रुपए की वादी की दुकान से तारीख ............ को अपने पुत्र के विवाह के लिए कपड़ा खरीदा जिसका, विवरण इसके साथ उपाबंध की गई सूची में दिया जाता है और बैंक को लिखे गए पानेवाल का खाता चेक संख्या .......... दिनांकित .......... के माध्यम से उसके लिए प्रतिफल का संदाय किया |
यह कि वादी ने अपने बैंक के जरिए बैंक को उपर्युक्त चेक प्रस्तुत किया और तारीख को चेक "लेखीवाल को निर्देश" टिप्पणी के साथ अनाहरित वापस किया जा चुका है |
यह कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 37 के नगर में लागू किया जा चुका है और उपर्युक्त रकम की वसूली द्वारा बंद के अधीन संक्षिप्त प्रक्रिया के माध्यम से वसूली की जा सकेगी
वाद हेतु तारीख .......... बैंक द्वारा किया गया और इस न्यायालय के पास वाद निश्चय करने की अधिकारिता है
यह की वाद का मूल्यांकन उपर्युक्त रकम ..............रुपए पर कर दिया गया जाता है और न्यायालय फीस का उस पर संदेश किया जाता है |
दावाकृत अनुतोष
वादी प्रतिवादी से सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 37 के अधीन संक्षिप्त प्रक्रिया के माध्यम से ..........रुपए तथा उसके समुदाय होने तक की वाह की तारीख से रकम पर ब्याज के समुदाय का दावा करता है |
यह तदनुसार प्रार्थना की जाती है |
वादी
जरिये
अधिवक्ता