प्रश्न :- 1 संविदा किसे कहते हैं ?
उत्तर :- 1 विधि द्वारा प्रवर्तनीय करार संविदा है |
[भारतीय संविदा अधिनियम 1872, धारा 2 (ज) के अनुसार]
प्रश्न :-2 संविदा के आवश्यक तत्व का वर्णन करो ?
उत्तर :- 2 (1) संविदा करने का आशय,
(2) प्रस्ताव तथा स्वीकृति,
(3) प्रतिफल,
(4) संविदा करने की क्षमता,
(5) पक्षकारों की स्वतंत्र सम्मति,
(6) करार का उद्देश्य विधि पूर्ण होना |
प्रश्न :- 3 क्या संविदा लिखित होना आवश्यक है ?
उत्तर :- 4 संविदा एक द्विपक्षीय सँव्यवहार है जो दो या दो से अधिक पक्षकारों के मध्य होता है जब तक कि इस संबंध में प्रावधान न हो संविदा का लिखित होना आवश्यक नहीं है |
प्रश्न :- 5 क्या मौखिक करार बाध्यकारी संविदा का रूप ले सकते हैं ?
उत्तर :- 5 हॉँ, पक्षकारों के मध्य हुए मौखिक करार भी बाध्यकारी सविंदा का रूप ले सकते हैं |
[ तरसेम सिंह बनाम सुखविंदर सिंह AIR 1998 SC 1400 ]
प्रश्न :- 6 क्या अव्यस्क के माता-पिता अव्यस्क के द्वारा किए गए करार के लिए दायी ठहराये जा सकते है ?
उत्तर :- 6 नहीं, अव्यस्क के माता-पिता अव्यस्क के द्वारा किए गए करार के लिए दायी नहीं ठहराये जा सकते है
प्रश्न :- 7 संविदा करने में कौन सक्षम है ?
उत्तर :- 7 हर ऐसा व्यक्ति संविदा करने में सक्षम है, जो उस विधि के अनुसार जिसके वह अध्यधीन है,
प्राप्तवय हैं,
स्वस्थ चित है,
संविदा करने से निररहित नहीं है|
[ भारतीय संविदा अधिनियम 1872, धारा 11 ]
प्रश्न :- 8 अवैध करार किसे कहते हैं ?
उत्तर :- 8 अवैध करार विधि द्वारा वर्जित होते हैं,
यह लोक नीति तथा देश के कानून के विरुद्ध होते हैं,
ऐसे करारो के समपार्श्विक करार भी परिवर्तित नहीं होते,
और इनमें पक्षकार दंड के भागी हो सकते हैं |
प्रश्न :- 9 अपरिवर्तनीय संविदा किसे कहते हैं ?
उत्तर :- 9 जब संविदा विधिक या तकनीकी कमी के कारण परिवर्तित नहीं करवाई जा सके तब वह अपरिवर्तनीय संविदा कहलाती है |
प्रश्न :- 10 सम्मति से क्या अभिप्राय है
उत्तर :- 10 दो या अधिक व्यक्ति 'सम्मत' हुए तब कहे जाते हैं, जबकि वे किसी "एक बात पर एक भाव" में सहमत हो |