Lease (पट्टा) Sec 105 Transfer Of Property Act 1882

Adv. Madhu Bala
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Lease :- Sec 105


Definition :-


स्थावर संपत्ति का पट्टा इसके उपभोग करने के अधिकार का ऐसा अंतरण है

जो एक निश्चित समय या शाश्वत काल के लिए किसी कीमत के अथवा

घर या फसलों के अंश या सेवा या अन्य किसी मूल्यवान वस्तु

के प्रतिफल के रूप में किया जाता है| [धारा 105]


Qus :- पट्टा कैसे किया जाता है ?


Ans :- वर्षानुवर्ष या एक वर्ष से अधिक  की अवधि या भाटक आरक्षित

करने के पट्टे रजिस्ट्रीकृत व लिखित होने चाहिए जबकि अन्य पट्टे

संपत्ति के कब्जे का परिदान करके सृजित किए जा सकते हैं |


Qus :- पट्टे की समाप्ति कैसे होती है ? [ धारा 111]


Ans :- अचल संपत्ति के पट्टे का पर्यावसान निम्न प्रकार से होता है-

  1. निर्धारित समय बीत जाने पर

  2. घटना पर आधारित होने पर घटना के घटित हो जाने पर

  3. पट्टाकर्ता व पट्टाग्रहिता के हित एक ही व्यक्ति में विलय हो जाने पर

  4. अभिव्यक्ति विवक्षित अभ्यारण द्वारा

  5. समपहरण द्वारा

 


Doctrine Of Holding Over [ अतिधारण का सिद्धांत ]


यदि पट्टे की निर्धारित अवधि की समाप्ति के पश्चात भी पट्टाग्रहिता कब्जा

बनाए रखता है तथा पट्टाकर्ता द्वारा मूक सहमति है तो

पट्टा मान्य माना जाता है इसे अतिधारण  का सिद्धांत कहते हैं | [धारा 116]

 


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