Ans :- ऐसा निरपेक्ष व्यक्ति जो न्यायालय द्वारा वाद लंबन के दौरान
संपत्ति प्राप्त करने या आरक्षित रखने के लिए नियुक्त किया जाए |
Qus :- रिसीवर की नियुक्ति कब की जाती है ?
Ans ::- जहां न्यायालय को न्याय संगत और सुविधा पूर्ण प्रतीत हो वहाँ न्यायालय
डिक्री के पूर्व या पश्चात संपत्ति का रिसीवर नियुक्त कर सकेगा |
अगर संपत्ति पर किसी का कब्जा है तो उसे हटाकर रिसीवर को अभिरक्षा दे सकेगा| [Rule 1 ]
Note :-
रिसीवर की नियुक्ति का उद्देश्य पक्षकारों को के अधिकारों की रक्षा करना
और संपत्ति को हानि से बचाना है |
Qus :- रिसीवर का पारिश्रमिक क्या होगा ?
Ans :- जितना न्यायालय निर्धारित करें उतना पारिश्रमिक होगा | [Rule 2 ]
Qus :- रिसीवर को किस प्रकार का पारिश्रमिक देय है ?
Ans :-उसको सोपें गए कार्य के निष्पादन में लगे खर्चे और श्रम के बारे में देय है |
Qus :- क्या कलेक्टर को रिसीवर नियुक्त किया जा सकता है ?
Ans :- हां, ऐसी संपत्ति यदि ऐसी भूमि है जिससे सरकार को राजस्व मिलता
है और न्यायालय की राय में कलेक्टर को रिसीवर बनाना पक्षकारों के हितों
की रक्षा के लिए आवश्यक है तो न्यायालय कलेक्टर की सहमति से उसे
रिसीवर नियुक्त कर सकता है |
Qus :- रिसीवर की शक्तियां बताओ ?
Ans :-
वाद दायर करना और प्रतिरक्षा कर सकेगा ;
संपत्ति वसूली, प्रबंध और रक्षा करने की शक्ति ;
संपत्ति के लाभ और किराए कट्ठा करना ;
दस्तावेजों का निष्पादन कर सकेगा ;
अन्य शक्तियां जो न्यायालय उचित समझे | [ Rule 1(d) ]
Qus :- रिसीवर के कर्तव्य बताओ ?
Ans :-
जो कुछ संपत्ति से प्राप्त करेगा उसका हिसाब देगा ;
ऐसा हिसाब ऐसे प्रारूप और अवधि में, जो न्यायालय निर्दिष्ट करें, दिया जाएगा ;
न्यायालय के निर्देशानुसार रकम का भुगतान करेगा ऐसी हानि की पूर्ति में राशि समायोजित की जाएगी शेष रिसीवर को सौंप दी जाएगी | [ Rule 4 ]