INTRODUCTION OF INDIAN EVIDENCE ACT, 1872 (NOTES)

Adv. Madhu Bala
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Enforce  साक्ष्य विधि 1 सितंबर 1872 को लागू हुई ।
यह संपूर्ण भारत पर लागू हैं ।
सभी न्यायिक कार्यवाहियों पर लागू होता है, लेकिन निम्न पर लागू नहीं है :-
सेना न्यायालय :-  सेना अधिनियम, वायु सेना अधिनियम, 1950, इंडियन नेवी डिसिप्लिन एक्ट 1934 पर लागू नहीं होता ।
मध्यस्थ कार्यवाहियों पर लागू नहीं होता हैं ।
शपथ पत्र पर भी लागू नहीं होता है ।
साक्ष्य विधि LEXFORI विधी  है अर्थात स्थानीय न्यायालय की विधि हैं ।
 LEXFORI से अभिप्राय उस स्थान की विधि से है जहां कार्यवाही की जाती है अर्थात अगर पक्षकारों के मध्य कोई संविदा भारत में हुई हो और वह संबंधित विवाद को फ्रांस के न्यायालय में शुरू करें तो फ्रांस की साक्ष्य विधि के अनुसार निर्णय दिया जाएगा ।

Definition


Evidence (साक्ष्य):- वे सभी कथन जिनके जांचाधीन तथ्यों के विषयों के संबंध में न्यायालय अपने सामने साक्ष्य द्वारा किए जाने की अनुज्ञा देता है, मौखिक साक्ष्य हैं। और न्यायालय के निरीक्षण हेतु पेश दस्तावेज जिनमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड शामिल है, दस्तावेजी साक्ष्य है ।
- वे कथन जो न्यायालय की अनुमति से जांचाधीन तथ्य के संबंध में न्यायालय के सम्मुख किए जाएं मौखिक व निरीक्षण हेतु पेश दस्तावेज मय इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दस्तावेजी साक्ष्य है
- साक्ष्य की उपरोक्त परिभाषा में मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्य ही बताए गए हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि अन्य साक्ष्य नहीं हो सकता |
मौखिक साक्ष्य से अभिप्राय ऐसे साक्ष्य से है जो व्यक्ति ने स्वयं घटित होते हुए देखा हो ।
धारा 60 के अनुसार मौखिक साक्ष्य प्रत्यक्ष  होना चाहिए दस्तावेजी साक्ष्य को दो भागों में बांटा जा सकता है
1 प्राथमिक
2 द्वितीयक
किसी साक्ष्य को दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा साबित किया जाना जरूरी है । दस्तावेजी साक्ष्य भी प्राथमिक हो, यदि प्राथमिक साक्ष्य ना हो तो द्वितीयक साक्ष्य देना चाहिए
 साक्ष्य निम्नलिखित प्रकार के हैं ।

1 प्रत्यक्ष साक्ष्य,
2 परिस्थिति जन्य साक्ष्य,
3 वास्तविक साक्ष्य,
4 अनुश्रुत साक्ष्य,
5 प्राथमिक साक्ष्य,
6 द्वितीयक साक्ष्य,
7 मौखिक साक्ष्य,
8  दस्तावेजी साक्ष्य
यह सभी साक्ष्य परस्पर व्यापी है ।


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